फेसबुक वाला इश्क़ भाग -२
फेसबुक वाला इश्क़
भाग -2
घर पहुंच कर रोहन तुरंत राधिका को कॉल करता हैं लेकिन राधिका कॉल नही उठाती हैं। रोज 3 रिंग में फ़ोन उठाने वाली आज लगभग 30 कॉल के बाद भी कोई कॉल रिसीव नहीं करती हैं।
ना कोई मेसेज का जवाब देती हैं।
लेकिन ऐसा क्यों हुआ था....
अब आगे......
रोहन लगातार कई दिनों तक कॉल करता रहा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
अब रोहन जो चंचल सा हंसमुख व्यवहार वाला लड़का था वो काफी उदास रहने लगा था।
रोहन के बोर्ड एग्जाम शुरू हो गए थे रोहन ने एग्जाम नहीं देने का विचार किया। रोहन अंदर से टूट गया था ।
लेकिन एग्जाम से एक रात पहले अचानक रोहन के फ़ोन पर एक मैसेज आता हैं नया नंबर से मैसेज आया था।
रोहन को बेस्ट विसेस के साथ थोड़ी सी राहत मिलती हैं खुशी से रोहन फुला नही समाया क्योंकि मैसेज राधिका का था रोहन तुरंत उस नो पर कॉल करता हैं उधर से एक अंजान सी आवाज़ सुनाई देती हैं।
रोहन को पता चला ये नो राधिका की दोस्त वैशाली का था ।
वैशाली रोहन को बताती हैं राधिका का फ़ोन अभी उसके घर वालों ने अपने पास रख लिया हैं और उसका पूरी तरह से घर से निकलना भी बंद कर दिया है क्योंकि उसे एग्जाम के दौरान किसी लड़के ने लिफ्ट दी थी और उसके घर वाले समझे थे कि वो फ़ोन पर उसी लड़के से बात करती हैं लेकिन वो बात केवल तुम से करती है। उस लड़के का नाम पहले से ही बदनाम है इस शहर में इस लिये वो भी तुम से बात करने को तड़प रही हैं जब भी मुझे समय लगेगा मैं तुम्हारी बात राधिका से करवा दूँगी तुम तब तक अपने एग्जाम पे ध्यान दो और हाँ राधिका चाहती है तुम्हारा परफॉर्मेंस सब से बढ़िया हो।
थोड़ी और बातें कर पूछ कर रोहन बात समाप्त करता हैं और अपनी परीक्षा की तैयारी में लग जाता हैं।
रोहन अपने बैचैन मन से पढ़ रहा था लेकिन जब रोहन का मन अस्थिर हो रहा था रोहन को वैशाली की बात याद आरही थी जो राधिका ने उसके लिये कही थी।
रोहन के एग्जाम पूरे हो गए थे लेकिन अभी भी रोहन की राधिका से बात नही हुई थी ।
परीक्षा पूरी होने के 2 दिन बाद रोहन अब सीधे राधिका से मिलने की सोचता है।
अपने कुछ जमा पैसे जो भी रोहन के पास थे उन सब को लेकर चल पड़ता हैं रोहन के साथ उसी दिन उसके दोस्त भी शहर जा रहे होतें है। रोहन के दोस्तों को भी अब ये बात काफी हद्द तक पता चल गयी थी की रोहन राधिका से मिलने जा रहा है सभी रोहन से बातों ही बातों में पता कर लेतें हैं ।और कहते हैं रोहन हम भी वहीं चल रहे है तुम फिक्र मत करो तुम्हारी हम जो भी मदद होगी जरूर करेंगे।
सभी आपस में बातें कर के शहर की गाड़ी में बैठ कर चल देतें हैं।
शहर पहुँच कर रोहन वैशाली को कॉल करता हैं और कहता है आज तो राधिका से बात करवा दो।
वैशाली बाद में बात करवाने की बात कह कर फ़ोन रख देती हैं रोहन उसी शहर में था लेकिन जैसा रोहन उम्मीद कर रहा था राधिका को ढूंढने की शहर में वह इस शहर में इतना आसान नही था हर गली मुहल्ले में 5 से 6 राधिका थी और शहर था बस शुरू होने के बाद खत्म होने का नाम ही नही ले रहा था रोहन ने खैर शहर में ही एक ढाबे में नौकरी करनी शुरू कर दी थी।
वैशाली ने भी कई दिनों से बात नहीं कि थी।
रोहन बहुत परेशान हो गया था। अब कब 2 महीने पूरे हो गये पता ही नहीं चला ।
लेकिन एक दिन वैशाली ने रोहन की कॉल को रिसीव किया ।
उसे पता चला रोहन 2 महीने से इसी शहर में हैं और उनके पास ही ढाबे में नौकरी कर रहा हैं। वैशाली खुद रोहन को शाम को राधिका से बात करवाने की बात कहती हैं
।
रोहन शाम को देखता हैं इस बार वैशाली ने उसे खुद कॉल किया था।
थोड़ी ही देर में वैशाली राधिका को फ़ोन देती हैं। आज 4 महीने से ज्यादा समय बाद रोहन ने राधिका से बात की थी।
राधिका रोहन को बात नहीं करने की वही बात बताती है जो वैशाली पहले ही बता चुकी होती हैं।
लेकिन रोहन को राधिका की आवाज़ कुछ अलग सी लग रही थी ।
रोहन पूछता हैं तो राधिका कहती हैं उसे हल्का फीवर हुआ हैं इस लिये ऐसे हैं।
अब रोहन के कई सवाल थे और राधिका सब का जवाब उसे राधिका से चाहिये था।
कुछ देर बाद राधिका अपने घरवालों के आने की बात कह कर फ़ोन रख देती हैं। रोहन भी काम में लग जाता हैं आज रोहन को काफी समय बाद थोड़ी सी खुशी मिली थी।
रोहन रात को जब अपना फ़ोन देखता हैं तो देखता हैं उसके फ़ोन पर वैशाली के कई फ़ोन कॉल और मैसेज थे और कुछ बताने की बात कह रही थी। जो सब रोहन मिस कर गया था रोहन कॉल करता हैं लेकिन अब रात काफी हो गयी थी शायद वो अब सो गई थी।
अगली सुबह जब रोहन को वैशाली का फ़ोन आता हैं तो रोहन पूछता हैं उसे क्या बात करनी थी कल ?
वैशाली कहती है सब बताएगी लेकिन पहले वो कुछ जानना चाहती हैं?
ठीक हैं। रोहन कहता हैं।
रोहन से वैशाली राधिका और उसके बारे में ही बात पूछती हैं । और कल रोहन से मिलने की बात कहती हैं।
कल ठीक समय पर वैशाली रोहन से मिलने पहुंचती हैं रोहन के साथ उस समय उसके दोस्त भी थे जो कि उसके साथ ही शहर आये थे वो भी रोहन से मिलने आये थे।
वैशाली राधिका की बचपन की दोस्त थी और राधिका और उसने एक साथ ही पढ़ाई की थी।
वैशाली भी राधिका की तरह खूबसूरत थी।
वैशाली ने रोहन को उस समय ज्यादा कुछ नहीं बताया लेकिन जल्दी ही उसकी मुलाकात राधिका से करवाने की बात कहती हैं।
अब वैशाली के फोन से राधिका रोहन से शाम को फ़ोन पर बात करती हैं काफी बातें होती हैं और बातों का लंबा दौर शुरू हो जाता हैं।
तभी वैशाली के द्वारा रोहन को कुछ ऐसा पता चलता हैं कि रोहन के चेहरे का रंग फीका पड़ जाता हैं। रोहन आखिर रोने लगता हैं।
राधिका से रोहन पूछता हैं उसे ये बात पहले क्यों नहीं बतायी । रोहन राधिका को समझाने की कोशिस करता हैं लेकिन तब तक शायद सब कुछ खत्म हो चुका था।
रोहन को पता लग चुका था राधिका के दिल में छेद हैं और वह कुछ दिनों की ही मेहमान हैं एक ही उम्मीद हैं राधिका के बचने की लेकिन राधिका को हार्ट ट्रांसप्लांट के लिये कोई हार्ट नहीं मिल रहा हैं
.............
आखिर क्या हुआ क्या राधिका बच पायी?
कहानी जारी हैं.....
पढ़िए अगले भाग में.
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By shub bi
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