Teri Khood तेरी खुद
तेरी खुद लेगी हो मायादार चौमास की रूण-झुँण मा बरखा की मयाली भौण मा बसग्याल मेरी आँखियों तेरी खुद मा तेरी खुद.............................रूण-झुँण मा। जिकुड़ी जलेंणि मेरी ...
स्वागत चा आपकु मेरा ब्लॉग मा जख आप तें मैं अपणी तरफ बटी हिन्दी अर गढ़वाली मा आपका मनोरंजन की कोशिस कल्लू।। आपकु अपणु शुब्बी ॥ उत्तराखण्डी गढ़वाली और हिंदी कहानियों ,कविताओं , शायरी को पढ़ने के लिये बाड़ूली ब्लॉग में आपका अभिनंदन हैं।