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वो ना जानें क्युँ

वो ना जाने क्यों( क्युँ ) इस तरह अपना चेहरा हम से छुपाती हैं| हर वक्त क्यों अपनी परछाई में वो ही नजर आती हैं| मिलने को इस जमानें में लाखों मिल गयी थी हमें पर एक वही हैं जो लाखों के स...