तुम
अजीब से किरदार होते है ना अक्सर किसी ना किसी कहानी में, तुम मैं या वो सब , आप हम या अपने से कुछ पराए कुछ किरदार को तुम जीलो कुछ किरदार हम निभा जाए दुःख में कर आलिंगन बनो तुम मेरे , सुख में तेरे दूर हम हो जाएं।।। अधरों से ना कहना तुम कभी निगाहों से बतलाना रख मौन व्रत सा भेद मन का , मन को कुछ यूं बहलाना बन अजनबी रिश्ते चिरकाल तक हम कुछ यूं निभाए सादगी में समेटना चांदनी को , रात का उजियारा हो जाए।। तुम प्रेम की देवी सा रूप धरो , मैं प्रलय का देवता बन जाऊं तुम अश्रु बनो चक्षु का , मैं नैन का बैचेन नीर कहलाऊं लवण सा रूप समेटे, मृदु से इस यौवन में तुम रहो पतित गंगा, भाव मेरा सागर सा कहलाए।।। #shubbi #baaduli