संदेश

2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

खुदयां मसाण

चित्र
पर्सी शहर बटीं औंण का बाद बटीं भैजी कु बुखार अर हाथ खोटों पीड़ा कम नि छे होणी दारू अर दवाई भी करायली छे पर भैजी अभी भी परेशान छा। बड़ा समय का बाद त भैजी आपरा घौर आयी छा परदेश बटीं ...

लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा

www.baaduli.blogspot.com आज भी पूरा बचपन याद आजाता है जब भी ये गाना बजता हैं अरे वही वाला यार lakadi ki kaathi kaathi pe ghoda ghode ki dum pe jo maara hathauda dauda dauda dauda ghoda dum utha ke dauda ghoda pahuncha chauk mein chauk mein tha naai ghodeji ki naai ne hazaamat jo banaai chag-bag chag-bag chag-bag chag-bag ghoda pahuncha chauk ... dauda dauda dauda ghoda dum utha ke dauda ghoda tha ghamandi pahuncha sabji mandi sabji mandi baraf padi thi baraf mein lag gai thandi chag-bag chag-bag chag-bag chag-bag ghoda tha ghamandi ... dauda dauda dauda ghoda dum utha ke dauda ghoda apana tagada hai dekho kitani charabi hai chalata hai maharauli mein par ghoda apa...

मैं ऐसा तो नहीं

तेरे पलकों को तेरे अपनों की निगाहों में झुका दे । मेरी चाहत अब भी इतनी बेदर्द  नहीं।। भरे बाजार में बेपर्दा कर दे तेरी मेरी मोहब्बत की दास्ताँ को मैं अब भी  अपनी हसरतों को इ...

मैं ऐसा तो नहीं

तेरे पलकों को तेरे अपनों की निगाहों में झुका दे । मेरी चाहत अब भी इतनी बेदर्द  नहीं।। भरे बाजार में बेपर्दा कर दे तेरी मेरी मोहब्बत की दास्ताँ को मैं अब भी  अपनी हसरतों को इ...

Eni

फर्क क्या पड़ता हैं मैंने कितना कहाँ हैं। फर्क पड़ता हैं आपने कितना समझा हैं। www.baaduli.blogspot.com

Waqt

Jb koi dil dukhta hain to mein kuch pal kr liye bikhar jata hun. or un bikhare hisson ko waqt ke andaz me jod kr or bhi nikhar jata hun .

दादा कु हुक्का बोडा की बीड़ी

चित्र
ब्याकुनी बगत तिबारी मा बैठाया चेतु भैजी हाथ मा चा कु गिलास पकड़ी क चा प्योंण  लगया छा त वख बटिन हरषु बोड़ा भी पीठी उन झोला अर हतियों  मा रविंस की लाठी पकड़ी बाटा लगया छा  चेतु भैज...

मेरु मुल्क मैराथन कु बुलाणु चा

चित्र
उतार दी अब बग्वाली कु खुमार। ह्वे जा मैराथन कु कमरी कसी तैयार। । त्वे तें मेरु मुल्क भत्याणु चा । स्वागतों तेरा डांडी कांठी सजाणु चा।। लोस्तु घंडियाल की 80 थाती देखीयों थाल...

बग्वाली का बहाना पुराणि रीत जियोन्दा।।

चित्र
चल लठ्यला हम भी ये त्यौहार गौं घुमेन्दा बग्वाली का बहाना पुराणी रीत जियोन्दा।। ब्वे का हाथ की स्वाली , पकौड़ी , गुलगुला चाखेन्दा । गैल्यों गैल यी औंसी रात भेला खेलयोन्दा ।। ...

मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो

चित्र
ये दिल चाहता हैं एक प्यारा सा सफर हो साथ मेरे तू हमसफ़र हो। चलने को कठिन राहों में हम चाहे अकेले हो मेरे हाथों में तेरा हाथ हो। चलते रहें हम संग ज़िन्दगी के सफर में । मेरे हाथों ...

इंतहा

आइये खेलिये दिल से मेरे खेलिये जज्बातों से मेरे हर कदम पर खड़ा हूँ तुम्हारे लिये मौका जब भी मिले अपना बना कर धोखा दीजिये। पता हैं ना हर मोड़ पर खड़ा मिलेगा ।जब कोई नहीं मिला तब म...

आज़माया तूने

चित्र
जानता हूँ बहाने प्यार के आज़माया  मेरी दोस्ती को तूने प्यार के अफ़साने बहुत हैं पर आज एक दोस्त को रुलाया तूने।।

चाहत

कुछ पाना बाकी रह गया किसी को मुस्कुराना बाकी रह गया । कुछ सपने अधूरे रहेंगे कुछ के ख़्वाब न रहेंगे।। बेसक सपने पूरे ना कर सका जो आंखों ने सँजोये थे । कुछ के अंकुर उग आये , कुछ अभ...

मौत

चित्र
मन उदास हैं आंखे छलक रहीं हैं। कारण कुछ नहीं फिर भी अजीब सा दर्द हैं लगता हैं अंत का यही आरम्भ हैं । अंत करीब हैं। जिंदगी ना सही अपनी पसंद की शुभी मौत शायराना हैं मौत शायराना ह...

तुझे पाने की

नहीं तम्मना चाँद या सितारों को पाने की। नहीं कोई हसरत मुरझाए फूलों को खिलाने की। ओ साथी  हर कदम तेरा मेरा साथ हों बस चाहत हैं तेरे मेरे एक हो जाने की।।

द्वी घड़ी

खेल निरालु च वक़्त कु शुब्बी कभी द्वी घड़ी नि होंद क्वी गैल।। कभी दगड होंद भी नि ह्वे मेल।।। www.baaduli.blogspot.co.in

घौर बौडी जा

चित्र
भूली बिसरी गयी अपर बार त्यौहार ना पंचमी याद आंदि ना मकरेणि गंगा स्नान कु जांदी । ना बग्वाली का भेला याद छंन ना तांदी झुमेलों । ना अब गुलाबन्द ना आपरी थौल मेलु की याद गौला की हंसुली ना हातियों की धगुली । ना याद चा शिव कु मैती रोण कु ना याद चा नन्दा की धियाण होण कु ना याद चा चैत का फुलारी कु ना याद चा ब्यो मा की मांगली कु। ना अब गौं मा रामलीला होंदी ना अब पण्डों का पवाडा लग्दिन। ना नरसिंग अब दोष लगदु ना नगर्जा अब गौं मा नाचदु।। ना माधो भण्डारी अब बीर भड़ रे ना जीतू बगड़वाल अब बाँसुरिया रे ना घसेरी अब गीतु भौंण पुरेन्दिन ना घुघुती हिलांश डालियों बासदन ना तीलू रौतेली जणि क्वी बाला ह्वे ना रामी जणि क्वी नारी ह्वे ५२ गढ़ भी अब सुनपट विरान छंन घौर कुड़ियों मा मूसा बिराला भी नि छंन ना ग्वेरु कु बाँसुरी सुणेन्दी ना हल्या कु हलकरु भी नि चित्यदु ना दे-दादी की कथा-कहानी रे ना बाटा-घाटा भुत भेरू रें।। ना औजी अब बारू त्यौहारु पर ढोल बजोंदीन ना क्वी अब दाना-स्याणों मुख लगोंदीन ।। ना गढ़वाली भाषा बोली समझ औंदी ।। ना हम तें अब गौं मुल्के सुध-बुध रौंदी।। अरे औंदी किले नि याद ...

फौजी दगड़िया भाग-२ प्रोमो

बहुत बहुत आभार आपका इतग्या प्यार का वास्ता। सदा आपरु प्रेम ईनी बनायीं रख्या। फौजी दगड़िया भाग-2 पूर्ण जल्दी ही आपका मध्य होलु तब तक इंतजार करा जरा सी अर हाँ बिसरी ना जाया तब त...

कैसे

चित्र
लाचारी होती हैं बहुत सी तुम्हें क्या क्या बतायें।। कितनी दफा जख्मी हुआ ये दिल कैसे समझायें।।