स्वागत चा आपकु मेरा ब्लॉग मा जख आप तें मैं अपणी तरफ बटी हिन्दी अर गढ़वाली मा आपका मनोरंजन की कोशिस कल्लू।।
आपकु अपणु शुब्बी ॥
उत्तराखण्डी गढ़वाली और हिंदी कहानियों ,कविताओं , शायरी को पढ़ने के लिये बाड़ूली ब्लॉग में आपका अभिनंदन हैं।
द्वी घड़ी
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खेल निरालु च वक़्त कु शुब्बी कभी द्वी घड़ी नि होंद क्वी गैल।। कभी दगड होंद भी नि ह्वे मेल।।। www.baaduli.blogspot.co.in
जै घंडियाल देवता घंटाकर्ण देवता जो शायद उत्तराखंड के कण कण में कोई ही ऐसा स्थान हो जहाँ नहीं अवतरित हुए हो ।। हमारे उत्तराखंड ही नहीं अपितु देश विदेश में भी श्री घंटाकर्ण ...
जय श्री घण्टाकर्ण देवता जब चमोली नामक व्यक्ति द्वारा देवता के लिंग पर कुल्हाड़ी से प्रहार किया जाता है तब देवता का लिंग त्रि खण्ड (3 हिस्सों में) हो जाता है पहला खण्ड़ जहाँ बडि...
दिन का चैन रातों की नींद तुम चुरा लो।। कुछ यूं निग़ाहें तुम हम से मिला लो ।। ये बेगाना भी अपना हो जाये तुम्हारा कुछ यूँ मेरे हाथों को अपने हाथों में थाम लो।। #Shubbi
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