मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो
ये दिल चाहता हैं एक प्यारा सा सफर हो साथ मेरे तू हमसफ़र हो।
चलने को कठिन राहों में हम चाहे अकेले हो
मेरे हाथों में तेरा हाथ हो।
चलते रहें हम संग ज़िन्दगी के सफर में ।
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो।।
मुश्किल रास्तों की कठिनाई हो
चाहे मौज बहार की हो ।
सूरज की तपिस हो या चंदा की चाँदनी
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो।।
रात काली अमावस की चाहे
भोर मधुर मिलन की हो
कहीं ना तेरा मेरा साथ छुटे
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो।।
सर्द का पतझड़ हो चाहे बसंत की बहार हो।
जेठ की तपन बदन जलाए या
सावन मिलन का आये ।
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो।।
नादानियां अठारह की हों चाहे
आहट आख़िर पड़ाव की हो
जब संग ना हो कोई कंधा रोने को
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो।।
जरूरत जब तेरी हो इन साँसों को
चाहतों को अफ़साने जरूरी हो
बेगानी हो जाये चाहे दुनिया सारी
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ हो।।
❤शुब्बी💘
www.baaduli.blogspot.com
वाह❤❤
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