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In the midst of storms, a hidden meaning whispers,

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In the midst of storms, a hidden meaning whispers, captivating the heart with each passing gust. --- Since our eyes first met, a radiant new dawn has graced my life. A brilliance that eluded even my dreams, now caresses the very core of my being. To cherish your image is no transgression, I yearn to discover you in dreams, musings, fleeting moments. That magical moment when I found you near, as if the entire cosmos paused, entwined in profound emotion. You've traversed into my path, and I've discerned a singular meaning - the essence of love in your company. Your laughter, a melody echoing in my heart, every word of yours, a palette that paints my dreams. There's a special grace in the purity of your gaze, a resonance that reverberates through my soul. This love holds no room for opposition. With you, I've glimpsed a novel universe, where every facet feels extraordinarily unique. Every shared moment with you, initiates a fresh journey through life. Each nigh...

तूफानों में भी छुपा है एक गुनाह,जिसे देख कर दिल करता है बार-बार।

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1 -------- तूफानों में भी छुपा है एक अर्थ, जिसे देख कर ह्रदय करता है बार-बार। --- जब से मैंने तुझे पहली बार देखा है,   मेरी जीवन में एक नया प्रकाश उत्पन्न हो गया है।   वह प्रकाश, जो स्वप्नों में भी नहीं था,   वह मेरे मन को स्पर्शित कर गया है। तुम्हारी तस्वीर को सहेजने में गुनाह नहीं, तुम्हें पाने की तलाश है , ख्वाबों में, ख्यालों में, लम्हों में,  वह लम्हा जब तुम्हें अपने करीब  पाया,जैसे ब्रह्मांड समाहित हो, सभी भावनाओं में समाया। तू मेरी मार्ग में आई है और मैंने एक अर्थ किया है -   तेरे साथ प्रेम का अर्थ। तेरी हर हंसी, मेरे हृदय को कहती है कुछ,   और तेरी प्रत्येक बात, मेरे स्वप्नों को रंगीन बना देती है।   तेरी आँखों की निर्मलता में एक विशेषता है,   जो मेरे ह्रदय को हिला कर रख देती है। इस प्रेम का अर्थ है, जिसमें कोई भी विरोध नहीं है।   मैंने तुझसे मिलते ही एक नया ब्रह्माण्ड देखा है,   जिसमें सब कुछ बहुत विशेष लगता है।   तेरे साथ होने से मेरे जीवन के प्रत्येक क्षण पर...

अच्छा हुआ तुम चले गए मझधार में साथ छोड़ कर ।।

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अच्छा हुआ तुम चले गए  मझधार में साथ छोड़ कर जीना सीख गया लहरों से संभल कर बहुत बदल गया हूं अब पहले सा ना रहा बिन पूछे बहुत कहने वाला  पूछने पर भी मौन रहना सीख गया एक सवाल के हजारों उत्तर देने वाला  आज अपने ही सवालों में उलझ गया ।। मतलब की भीड़ में खोया शख्स  आज विरानों में रहना सीख गया।। भूल गया था जो सब कुछ तुम्हे पाकर  वो आज तुम्हे खोकर खुद में जीना सीख गया।। ना अब तुम्हारा रोकना टोकना है ना अब तुम्हारा रूठना मनाना है। ना जूठे सपनो की रात है  ना मीठी वो सावन की बरसात है ना शिकायत अब तुम से है ना शिकवे गिले खुद से है ना नसीब से लड़ाई है ना जिंदगी की रुसवाई है ना उम्मीदों का बोझ है  ना किसी को खोना रोज है एक समंदर था आसुंओ का जो दर्द की आग में झुलस गया ।।  एक शख्स था जो खुद को पाकर दुनिया से बिछड़ गया।। अच्छा हुआ तुम चले गए।।। English translation "I'm glad you're gone, Left me alone in life's flow. Learned to live, riding the waves, I've changed, not the same as before. Once outspoken, now silent even when asked. Used to an...

इत्गया सौंगू त नि लठ्याली ।।

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इत्गया सौंगू त नि लठ्याली ।। रतब्यानी स्विनो सी त्वे बिसरोंण दोफरा घामों मा माये तीस बूझोंण  ब्याखुनी ज्यु तें सदानी द्यू( दयू) सी जगोंण।। इत्गया सौंगू त नि लठ्याली ।।। तेरु मुल मुल हैसनु आज भी ज्यु मा बस्यूं माठू माठू हिटनू आँखियों मा रम्यूं सेरु हिवाल दंतुडियो छपाक मा समायूं  इत्गया सौंगू त नि लठ्याली ।। राति राती तेरा ख्यालों मा जागणू  सभी गौ मेलों तेरी मुखुडी हेरणु गोर दगड़ी धार डांडा त्वे खोजणु तेरी एक भौंन मां सुध बुध बिसरोणु। इत्गया सौंगू त नि लठ्याली हिंदी अनुवाद इतना आसान तो नहीं बेचारी सुबह के सपनो से तुझे भुलाना दिन की धूप से प्रेम की प्यास बुझाना शाम को दिल को दीपक सा जलाना इतना आसान तो नहीं बेचारी ।। तेरा मंद मंद मुस्कुराना आज भी दिल में बसा है आहिस्ता आहिस्ता चलना आंखो में बसा है सारा हिमालय तेरे दांतों में समाया है(दांत हिमालय से चमकते है ) इतना आसान तो नहीं बेचारी ।। रातों को तुम्हारे ख्यालों में जागता हूं गांव मेलों में बस तुम्हे निहारता हूं पहाड़ों में मवेशियों के संग तुम्हे ढूंढता हूं। तुम्हारी एक आवाज से सुधबुध खो देता हूं इतना आसान तो न...

रातियों मा

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*रातियों मा*  फूलों की महक बथों कु ससराट, खुशबू सी भरी रातियों मा, तेरा ख्यालों की बातों मा। आँखियों कु संकोण ओठलियों कु हैंसणु , तेरी जग्वाल मा बीती हर उं रातियों मा ॥ माया कु रंग खत्ये जिन्दगी मा, प्यार की बरखा बरखी हर बाट मा। हिया की धड़कन मा तेरु ख्याल च सुपिन्यों जन आँखियो बसी तु हर रातियों मा ॥ तेरी माया कु जादु मन मा बसीगे , गैणो की बणी चादरी राती खत्येगे । बाय माया का तेरा पिड़ा भरी मेरी व्यथा , मुख मा तेरु ही नौ रे दिन हो चाहे हर रातियों मा ॥ रुप तेरु बिखरी होलु आगाश का घौर मा, बथो न गायी तेरु गीत नसी गयी हर बाच मा । खुशबू मा तेरा बसी मेरी सांस बिचैन च, तेरा होण की खुद रोज बढ़णी रातियो मा ॥ ज्यु का धकद्‌याट मा तेरु धकदयाट , तेरी मा समोण की इखारी आस । आँखियों मा तेरी लुकी बाती पौढ़ीन मैंन ख्यालों मा रोज मिल्दी छे तु रातियों मा ।। तेरी यादों की खुशबू फुलो सी महकदी च जुनी की रात तेरा बगैर जुन सी चमकदी च । तेरी माया उज्यालु बसीगे शुब्बी जिन्दगी मा , ख्यालों की चारियों तेरी माया मा ख्वे जान्दु रातियों मा ॥ हिंदी मोहब्बत का रंग चढ़ा जिन्दगी में, प्यार की बौछारें बिखर...

Written: When Emotions Were Left Unwritten

**Written: When Emotions Were Left Unwritten** Today, I gather all those moments, I sewed them into the threads of love's strand. With the ink of affection, on a blank paper, I wrote the unspoken emotions, hidden within. From where should I write, what should I ponder before I write? Whom should I praise with what praises? If I spoke to the moon, I feared the night's darkness. If I addressed the flowers, I feared the bees' sting. To the sun, how should I address it? Heat resided within. To dawn, it was your essence that it held. If I chose music, it brought forth compassion. If I chose desire, it brought forth temptation. With words, it became resolute and firm. If I chose the river, it brought forth restlessness. With Radha, the connection wasn't with Shyam. With Sita, the link wasn't with Ram. So, I thought, I'll write just one letter. Today, I'll turn these thoughts into reality. I'll declare the heart's yearning to you, I'll write onto a page...

तीलू रौतेली: उत्तराखंड की वीर वीरांगना Tilu Rauteli: The Valiant Heroine of Uttarakhand

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**तीलू रौतेली: उत्तराखंड की वीर वीरांगना** उत्तराखंड का इतिहास वीरता और साहस की अनगिनत कहानियों से भरपूर है, और तीलू रौतेली इस श्रेणी की प्रमुख महिला वीरांगनाओं में से एक है। उनकी कहानी एक योद्धा की बहादुरी, साहस, और प्रेरणा से भरपूर है जो समाज की सीमाओं को तोड़कर उनके सपनों को पूरा करने में सफल हुई। **प्रारंभिक जीवन और परिवार:** तीलू रौतेली का जन्म 17वीं सदी में चौंदकोट, उत्तराखंड के गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम भूप्पू रावत था, जो गोर्ला रावत थोकदार के पुत्र थे। उनके परिवार में सेना की वीरता के प्रती गर्व और समर्पण की भावना सदैव मौजूद रही है। **वीरता का परिचय:** तीलू के जीवन में समर्पण का महत्वपूर्ण चरण तब आया, जब कत्यूर राजवंश उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में अपनी सत्ता की गहरी जड़ें बिठा चुका था। उनका आक्रमण और द्वेष जनता के बीच असहमति का स्रोत बन गए थे। **संघर्ष की शुरुआत:** तीलू के पिता और भाइयों की शहादत के बाद, उनके आत्मविश्वास में एक नया उत्साह और उनकी संकल्पना में विश्वास जागा। उन्होंने नई सेना गठित की और उस समय वे केवल 15 साल की थीं। **युद्ध का महाबल:...

उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली

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#उत्तराखंड_के_चौंदकोट_की_वीरांगना_तीलू_रौतेली 8 अगस्त को तीलू रौतेली की जयंती मनाई जाती है. उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल में चौंदकोट की सत्रहवीं शताब्दी की इस वीरांगना ने लगातार सात साल तक युद्ध करके कत्यूरों को भगाया था. कत्यूर कुमाऊं के राजा थे.तीलू रौतेली की जयंती पर हर साल उत्तराखंड के लोग पेड़ लगाते हैं, और साथ ही सांस्कृतिक उत्सव भी किए जाते हैं,तीलू रौतेली गढ़वाल के लोगों के बीच गढ़वाल की लक्ष्मीबाई भी कही जाती हैं,(हालांकि तिलु रौतेली का जन्म और युद्ध की शौर्य गाथा का समय लक्ष्मीबाई से काफी पहले का है)   जानिए कौन थी उत्तराखंड के चौंदकोट की वीरांगना तीलू रौतेली गुराड में लगी तीलू रौतेली की प्रतिमा 8 अगस्त को उत्तराखंड की महान वीरांगना तीलू रौतेली का जन्मदिवस है,इस अवसर पर दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक कई कार्यक्रम हो रहे हैं,इसी कड़ी में तीलू की जन्मभूमि तल्ला गुराड, परगना चौंदकोट, पौड़ी गढ़वाल में तीलू रौतेली का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. चौंदकोट गढ़वाल के गोर्ला रौत थोकदार और गढ़वाल रियासत के राजा फतेहशाह के सेनापति भूप्पू रावत की बेटी थी तीलू तीलू का जन्म स...

उत्तराखंड की खूबसूरती

जब पहाड़ों की चोटी से चमोली की घाटी तक, उत्तराखंड की खूबसूरती है निराली अनोखी। हिमालय के शिखर, बर्फ की चादर से ढकी, नैनीताल की झीलों में झलकती है प्यारी तस्वीर। पहाड़ी रंगोली सजाती है प्रकृति का ये तीर। मुस्कुराते चेहरे, खिलते हुए फूल, खेतों में महकता है सावन का कूल। कुमाऊँ और गढ़वाल की शान है ये, रिश्तों में बंधकर रखने वाली हसीं धारा। चारों दिशाओं में फैली है अमन की छाया, उत्तराखंड की खूबसूरती है जगमगाती रात में भी खिलखिलाती साया। नन्हे-नन्हे गाँव, सफेद छतों वाली चादर, सुंदरता से सजती है हर पहाड़ की बादली। आकाश से टपकती है बूँदों की तरह, नदियों का राग है मधुर सा संसार। उत्तराखंड की खूबसूरती है कविता में बयान नहीं की जा सकती, हर शब्द कम है उस खूबसूरत प्रदेश की प्रशंसा के लिए। From the mountain peaks to Chamoli's valleys, Uttarakhand's beauty is unparalleled and extraordinary. Enveloped by the Himalayan peaks and a blanket of snow, Nainital's lakes reflect lovely images in a mesmerizing show. Nature paints a vibrant canvas with its mountain hues, A beautiful tapestry woven w...

फुलदेई लोकपर्व #फुलदेई #लोकपर्व

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फुलारी फूल देई क्षमा देई पावन पर्व की बहुत-बहुत बधाइयां एवं हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏💐 फूलदेई भारत के उत्तराखण्ड राज्य का एक स्थानीय त्यौहार है, जो चैत्र माह के आगमन पर मनाया जाता है। सम्पूर्ण उत्तराखंड में इस चैत्र महीने के प्रारम्भ होते ही अनेक पुष्प खिल जाते हैं, जिनमें फ्यूंली, लाई, ग्वीर्याल, किनगोड़, हिसर, बुराँस आदि प्रमुख हैं । चैत्र की पहली गते से छोटे-छोटे बच्चे हाथों में कैंणी (बारीक बांस की) कविलास अर्थात शिव के कैलाश में सर्वप्रथम सतयुग में पुष्प की पूजा और महत्व का वर्णन सुनने को मिलता है. पुराणों में वर्णित है कि शिव शीत काल में अपनी तपस्या में लीन थे ऋतू परिवर्तन के कई बर्ष बीत गए लेकिन शिव की तंद्रा नहीं टूटी. माँ पार्वती ही नहीं बल्कि नंदी शिव गण व संसार में कई बर्ष शिव के तंद्रालीन होने से बेमौसमी हो गये. आखिर माँ पार्वती ने ही युक्ति निकाली. कविलास में सर्वप्रथम फ्योली के पीले फूल खिलने के कारण सभी शिव गणों को पीताम्बरी जामा पहनाकर उन्हें अबोध बच्चों का स्वरुप दे दिया. फिर सभी से कहा कि वह देवक्यारियों से ऐसे पुष्प चुन लायें जिनकी खुशबू पूरे कैलाश को महका...

आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली ।।

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आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली  राते होलिका दहन दिन की छरोली बौडी काकी का मुख कु गुलाल  भैजी बौजी की मुखुड़ी पीली लाल स्यालि ते रंगनो जीजा का मन कु उलार फूलों सी फुल्यारी या स्वाणी छरोलि ।। आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली  राते होलिका दहन दिन की छरोली दूर डांडियों मा लाल बुरास भी दमकनु छो पीली फ्योली का मन ते भी रिझोनू छो बसंत की बयार मा प्यार का रंग उड़ोनू छो रंगो का बहार की या छरोली।। आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली  राते होलिका दहन दिन की छरोली छोटा ग्वैर भी आज रंगमत होया छा  गोरु का मोल मा लतपत बनया छा वल्या पल्या खोला फुरपत लगया छा छोटा दाना ज्वानो की या छरोली आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली  राते होलिका दहन दिन की छरोली बैख बांद भी गीतू भौंन मा झूमना दयूर भौजी ते रंगनो ते तरसना ढोल की थाप मा अहा सभी भलु नाचना बसंत का गीतू की या छरोली आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली  राते होलिका दहन दिन की छरोली सुपिन्यु टूटी ग्यायी मेरु मोटरू का शोर सी गौ अब दूर ह्वेगि कटी पतंग का डोर सी यादों की पीड़ा मा नाचदू रैगे मन बोण का मोर सी बस अब पीड़ा ही द...