आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली ।।

आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली 
राते होलिका दहन दिन की छरोली
बौडी काकी का मुख कु गुलाल 
भैजी बौजी की मुखुड़ी पीली लाल
स्यालि ते रंगनो जीजा का मन कु उलार
फूलों सी फुल्यारी या स्वाणी छरोलि ।।
आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली 
राते होलिका दहन दिन की छरोली


दूर डांडियों मा लाल बुरास भी दमकनु छो
पीली फ्योली का मन ते भी रिझोनू छो
बसंत की बयार मा प्यार का रंग उड़ोनू छो
रंगो का बहार की या छरोली।।
आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली 
राते होलिका दहन दिन की छरोली


छोटा ग्वैर भी आज रंगमत होया छा 
गोरु का मोल मा लतपत बनया छा
वल्या पल्या खोला फुरपत लगया छा
छोटा दाना ज्वानो की या छरोली
आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली 
राते होलिका दहन दिन की छरोली


बैख बांद भी गीतू भौंन मा झूमना
दयूर भौजी ते रंगनो ते तरसना
ढोल की थाप मा अहा सभी भलु नाचना
बसंत का गीतू की या छरोली
आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली 
राते होलिका दहन दिन की छरोली

सुपिन्यु टूटी ग्यायी मेरु मोटरू का शोर सी
गौ अब दूर ह्वेगि कटी पतंग का डोर सी
यादों की पीड़ा मा नाचदू रैगे मन बोण का मोर सी
बस अब पीड़ा ही दी जांदी या छरोली
आज सुपिन्यों मा देखी गौ की होली 
राते होलिका दहन दिन की छरोली ।।

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