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श्री घण्टाकर्ण गाथा - १

जै घंडियाल देवता घंटाकर्ण देवता जो शायद उत्तराखंड के कण कण में कोई ही ऐसा स्थान हो जहाँ नहीं अवतरित हुए हो ।। हमारे उत्तराखंड ही नहीं अपितु देश विदेश में भी श्री घंटाकर्ण ...

गाढ़ कु मसाण सी ।

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माणी तुम स्वाणी डांडी काठियों की आच्छरी सी मैं आंदा जान्दो डरोण वलु गाढ़ कु मसाण सी । होली तुम कुथ्ज्ञली गात वाली रति मैं आज भी रूखा डाँड़ी कंठियों कु प्राण सी।। बुराँस सी होठड़ी तेरी जखझोर गात गेंणों सी चा होळी तुम फ्योंली सी चटकली भोरों सी मैं कु आज भी पराग प्यारु चा।। होला तुम जौंन(जूंन चाँद) जुन्याली रात का कफु जख मायादार तें बुलानु चा। मैं औंसी रात सी अंधयरु आज भी एकरात जैकी बग्वाली की रौंस चा।। होला तुम कोंगला फुलारियों का फूल सी मैं रुढ़ियों मा ज्योठ का तड़पडा घाम सी ।। होली तुम मा रसीली मिठास हिसर सी मैं आज भी कुठेन्दू जन बिष अयांर सी ।। होला तुम चौंल देवतों माथु थर्पेण वाला मैं चेडों(मच्छर) की धुयाली का खारू सी।। होला तुम डांडी सारी मोल्यार बसंत का मैं बोण खाल की रूड़ी की बडांग सी ।। होली तुमारी मुखुड़ी ह्युं सी गोरी कमरी मुळेन्दी डाली पर लगुली सी।। ध्धयोन्दिन रिक बांदरु सी मैकू लोग़ हर मोर छाजा बासु तेरु घेन्दुडी सी ।।। Shub bi 

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Shri ghantakarn devta

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दोस्त/प्यार -२

qरॉकस्टार साहब का गिटार आज भी उन धुनों में रेणु की यादों को ताजा कर देता जब ऑफिस एक्टिविटी में पहली बार रॉकस्टार साहब की नजर हॉल में उनकी संगीत की धुनों में खोयी बॉस के बगल मे...

Khuwaish

Kanch ki khuwaish hai patthar ko pane ki ek pal me toot jane ki gam na tha use toot jane ka sirf khuwaish thi apne hazar tukdo me yaar ki tasveer bana ne ki.

दोस्त / प्यार

धीमी धीमी सी चल रही साँसे , आवाज़ गले से बाहर आने को आतुर , धुँधली सी कुछ यादें कुछ चेहरे जो अब कहीं ओझल से होते नज़र आ रहे थे। पलकें जो खुलना चाहती थीं पर फिर ना जाने क्यूँ एक मंद सी ...