तुम हो
फितूर कुछ यूँ चढ़ गया तेरी आशिक़ी का
हर नज़्म में तुम हो हर ग़ज़ल में तुम हो।।
वादियों की फ़िजा की खुश्बू अब तुम हो ।।
रात के पहर की चाँदनी अब तुम हो।|
शब्दों की पहचान अब तुम हों।।
वज़ह साँसों की तुम हो ||
दिल का सकुन अब तुम हो |||
रूह की तालीम अब तुम हो।|||
@Shubbi
@baaduli Blog
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