कल्पना

तु मेरे इतने करीब रहकर जितना दुर थी!

उतने ही दुर रह कर मेरे सब से करीब थी !

माना तेरे मेरे इस रिश्ते का कोई नाम नहीं़़़़

मेरे जीते-जी मेरी आखरी सांस की तु ही मंजिल थी!!!"!!

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