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रातियों मा

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*रातियों मा*  फूलों की महक बथों कु ससराट, खुशबू सी भरी रातियों मा, तेरा ख्यालों की बातों मा। आँखियों कु संकोण ओठलियों कु हैंसणु , तेरी जग्वाल मा बीती हर उं रातियों मा ॥ माया कु रंग खत्ये जिन्दगी मा, प्यार की बरखा बरखी हर बाट मा। हिया की धड़कन मा तेरु ख्याल च सुपिन्यों जन आँखियो बसी तु हर रातियों मा ॥ तेरी माया कु जादु मन मा बसीगे , गैणो की बणी चादरी राती खत्येगे । बाय माया का तेरा पिड़ा भरी मेरी व्यथा , मुख मा तेरु ही नौ रे दिन हो चाहे हर रातियों मा ॥ रुप तेरु बिखरी होलु आगाश का घौर मा, बथो न गायी तेरु गीत नसी गयी हर बाच मा । खुशबू मा तेरा बसी मेरी सांस बिचैन च, तेरा होण की खुद रोज बढ़णी रातियो मा ॥ ज्यु का धकद्‌याट मा तेरु धकदयाट , तेरी मा समोण की इखारी आस । आँखियों मा तेरी लुकी बाती पौढ़ीन मैंन ख्यालों मा रोज मिल्दी छे तु रातियों मा ।। तेरी यादों की खुशबू फुलो सी महकदी च जुनी की रात तेरा बगैर जुन सी चमकदी च । तेरी माया उज्यालु बसीगे शुब्बी जिन्दगी मा , ख्यालों की चारियों तेरी माया मा ख्वे जान्दु रातियों मा ॥ हिंदी मोहब्बत का रंग चढ़ा जिन्दगी में, प्यार की बौछारें बिखर...

Written: When Emotions Were Left Unwritten

**Written: When Emotions Were Left Unwritten** Today, I gather all those moments, I sewed them into the threads of love's strand. With the ink of affection, on a blank paper, I wrote the unspoken emotions, hidden within. From where should I write, what should I ponder before I write? Whom should I praise with what praises? If I spoke to the moon, I feared the night's darkness. If I addressed the flowers, I feared the bees' sting. To the sun, how should I address it? Heat resided within. To dawn, it was your essence that it held. If I chose music, it brought forth compassion. If I chose desire, it brought forth temptation. With words, it became resolute and firm. If I chose the river, it brought forth restlessness. With Radha, the connection wasn't with Shyam. With Sita, the link wasn't with Ram. So, I thought, I'll write just one letter. Today, I'll turn these thoughts into reality. I'll declare the heart's yearning to you, I'll write onto a page...

तीलू रौतेली: उत्तराखंड की वीर वीरांगना Tilu Rauteli: The Valiant Heroine of Uttarakhand

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**तीलू रौतेली: उत्तराखंड की वीर वीरांगना** उत्तराखंड का इतिहास वीरता और साहस की अनगिनत कहानियों से भरपूर है, और तीलू रौतेली इस श्रेणी की प्रमुख महिला वीरांगनाओं में से एक है। उनकी कहानी एक योद्धा की बहादुरी, साहस, और प्रेरणा से भरपूर है जो समाज की सीमाओं को तोड़कर उनके सपनों को पूरा करने में सफल हुई। **प्रारंभिक जीवन और परिवार:** तीलू रौतेली का जन्म 17वीं सदी में चौंदकोट, उत्तराखंड के गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम भूप्पू रावत था, जो गोर्ला रावत थोकदार के पुत्र थे। उनके परिवार में सेना की वीरता के प्रती गर्व और समर्पण की भावना सदैव मौजूद रही है। **वीरता का परिचय:** तीलू के जीवन में समर्पण का महत्वपूर्ण चरण तब आया, जब कत्यूर राजवंश उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में अपनी सत्ता की गहरी जड़ें बिठा चुका था। उनका आक्रमण और द्वेष जनता के बीच असहमति का स्रोत बन गए थे। **संघर्ष की शुरुआत:** तीलू के पिता और भाइयों की शहादत के बाद, उनके आत्मविश्वास में एक नया उत्साह और उनकी संकल्पना में विश्वास जागा। उन्होंने नई सेना गठित की और उस समय वे केवल 15 साल की थीं। **युद्ध का महाबल:...

उत्तराखंड की वीरांगना तीलू रौतेली

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#उत्तराखंड_के_चौंदकोट_की_वीरांगना_तीलू_रौतेली 8 अगस्त को तीलू रौतेली की जयंती मनाई जाती है. उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल में चौंदकोट की सत्रहवीं शताब्दी की इस वीरांगना ने लगातार सात साल तक युद्ध करके कत्यूरों को भगाया था. कत्यूर कुमाऊं के राजा थे.तीलू रौतेली की जयंती पर हर साल उत्तराखंड के लोग पेड़ लगाते हैं, और साथ ही सांस्कृतिक उत्सव भी किए जाते हैं,तीलू रौतेली गढ़वाल के लोगों के बीच गढ़वाल की लक्ष्मीबाई भी कही जाती हैं,(हालांकि तिलु रौतेली का जन्म और युद्ध की शौर्य गाथा का समय लक्ष्मीबाई से काफी पहले का है)   जानिए कौन थी उत्तराखंड के चौंदकोट की वीरांगना तीलू रौतेली गुराड में लगी तीलू रौतेली की प्रतिमा 8 अगस्त को उत्तराखंड की महान वीरांगना तीलू रौतेली का जन्मदिवस है,इस अवसर पर दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक कई कार्यक्रम हो रहे हैं,इसी कड़ी में तीलू की जन्मभूमि तल्ला गुराड, परगना चौंदकोट, पौड़ी गढ़वाल में तीलू रौतेली का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. चौंदकोट गढ़वाल के गोर्ला रौत थोकदार और गढ़वाल रियासत के राजा फतेहशाह के सेनापति भूप्पू रावत की बेटी थी तीलू तीलू का जन्म स...