तुम्हें भुला रहा हूं, Journey That Never End's!

तुम्हें भुला रहा हूं, Journey That Never End's!


वो आहिस्ता आहिस्ता सी कानों में गूंजती संगीत की धुन , जगजीत सिंह की दिल को छूने वाली मधुर आवाज, दबे होंठो में  सुलगता गांजा , हाथों में शराब  , आंखो में बसाई किसी की तस्वीर को आंसुओं से सींचते हुए ।। दिल दिमाग़ में तुम्हे ही सोचते , बस किसी उधेड़ बुन में खुद से बात करते कभी होठों पर तुम्हारी प्यारी मुस्कान से हसीं होती अगले ही पल तुम से दूर होने की उदासी, 
अपनी ही यादों में खोया मैं अब भी याद करता हूं हर पल  तुम्हें 
की काश तुम साथ होती अभी तो मैं यूं ना होता ।।।

ना मौन सा ये चांद रातों को अकेलेपन का अहसास करवाता  , ना ये नींद को दुश्मन अपना बना लेते ।। धीमे धीमे तुम्हारी यादों से खुद को दूर कर रहा तुम्हे भुलाने को भी तुम्हे याद कर रहा हूं।।

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