दोस्त / प्यार
धीमी धीमी सी चल रही साँसे , आवाज़ गले से बाहर आने को आतुर , धुँधली सी कुछ यादें कुछ चेहरे जो अब कहीं ओझल से होते नज़र आ रहे थे। पलकें जो खुलना चाहती थीं पर फिर ना जाने क्यूँ एक मंद सी ...
स्वागत चा आपकु मेरा ब्लॉग मा जख आप तें मैं अपणी तरफ बटी हिन्दी अर गढ़वाली मा आपका मनोरंजन की कोशिस कल्लू।। आपकु अपणु शुब्बी ॥ उत्तराखण्डी गढ़वाली और हिंदी कहानियों ,कविताओं , शायरी को पढ़ने के लिये बाड़ूली ब्लॉग में आपका अभिनंदन हैं।