Happy friendship day
बिरजू की कविता हो या अज्जू की स्वाती.
गीतू की भैंस के अण्डे हो या हो नौट्टी जी के डण्डे.
वो लम्हे वो खुसी के पल याद आ रे आज वो हंसी पल.
वो अनोखे साइसं वाले वो अनोखी साइसं की बातें.
वो कुश्वाहा जी के साथ की मस्ती वो कण्डारी जी की दाउद सी हस्ती .
त्रिलोक जी की वो जमाई रामेंन्दर जी की वो उन्घाई.
खैर यादें तो अच्छी हो या बुरी हमेशा रूलाती हैं .
दोस्तों को दोस्ती और दुश्मनो को सीख सिखाती हैं.
वो पूनम का जादू दिखाना और ज्योती का गोदी मे बिठाना.
शुभम की अश्लील शायरी और मुकेश की हन्न की कहानी.
शीतल का हा हा कर हंसना , शैतानी एक की और सबका फंसना.
वो ज्योती (मण्टू) का ट्यूशन मे गुम होना और आज याद कर के उन यादों मे रम जाना .
सच मे कभी न भूलेंगे वो दोस्ती के पल, जो आज याद बन गये वो हंसी कल........😊😊☺☺
Happy friendship dosto
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