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मार्च, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कुछ नहीं

ये मोहब्बत भी क्या चीज होती है जमाने में जिसे देखो उसे होती हैं||||||| www.baaduli.blogspot.com क्या करें social networking के हजारों लाईक का एक वही लाईक करें Life में हमें बहुत ज्यादा हैैं||||| www.baaduli.blogspot.com ईश्क की भी अजीब दास्तान ...

MERA PAHAD KI SUNDARTA

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वो मुलाकात™

वो पहली मुलाकात आखरी क्यों बन गयी |                                           जिन्दगी में मेरी उसकी यादें ही क्यों रह गयी || वो चले गये जिस राह पर राह वही मंजिल मेरी क्यों बन गय...

वो ना जानें क्युँ

वो ना जाने क्यों( क्युँ ) इस तरह अपना चेहरा हम से छुपाती हैं| हर वक्त क्यों अपनी परछाई में वो ही नजर आती हैं| मिलने को इस जमानें में लाखों मिल गयी थी हमें पर एक वही हैं जो लाखों के स...

कल्पना

तु मेरे इतने करीब रहकर जितना दुर थी! उतने ही दुर रह कर मेरे सब से करीब थी ! माना तेरे मेरे इस रिश्ते का कोई नाम नहीं़़़़ मेरे जीते-जी मेरी आखरी सांस की तु ही मंजिल थी!!!"!!