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प्यार एक पागलपन

प्रेम कभी भी मांगने से प्राप्त नहीं होता है शायद प्रेम कभी प्रेम नहीं होता इसमें होता है बस दर्द, पागलपन , बैचैनी और ढ़ेरों मजबूरी ।।  ऐसी ही एक कहानी है जो सत्य है ।।  मैं सुबह अल्मोड़ा रोडवेज स्टेशन पर शाम की दिल्ली जाने की बस का पता करने गया । जो शाम 5.30 बजे की थी अल्मोड़ा से आनंद विहार आईएसबीटी के लिए । पूछताछ केंद्र पर टिकट मिलने का समय शाम 4.30 बजे का बताया गया ।। यानी मेरे पास पूरा दिन था और अल्मोड़ा में केवल मुझे #चितई #गोलज्यू मंदिर के दर्शन करने जाना था और मन में नंदा देवी के दर्शनों की इच्छा थी ।। जो मैं ने लगभग 2 बजे तक पूरी कर ली थी ।  अब यूं तो अल्मोड़ा से मेरी बहुत सी यादें जुड़ी है किंतु वो सब कभी और । दिल्ली जाने के लिए मेरे पास 2 ही ऑप्शन थे या तो हल्द्वानी स्टेशन से दिल्ली की बस पकड़ता या अल्मोड़ा मैं रुक कर शाम की बस का इंतजार करता । थके होने की वजह से या किसी और वजह से मैं ने अल्मोड़ा रोडवेज के पूछताछ केंद्र पर बने कमरे में इंतजार करना उचित समझा और साथ ही स्विच ऑफ होते मोबाइल को भी चार्ज करना जरूरी था क्योंकि अल्मोड़ा से वोल्वो बस नहीं थी और दिल्...