तेरी आँखियों मा
तेरी आँखियों मा डुबणु मेरू ज्यु प्राण चा तेरी माया ते पौणों मेरू हिया तरस्यु चा हिया तरस्यु चा मन खुदेणु चा मन खुढ़ेणु चा तेरी ऑखियों ,,..............प्राण चा । होठलियोन की बोली जु तेरी ...
स्वागत चा आपकु मेरा ब्लॉग मा जख आप तें मैं अपणी तरफ बटी हिन्दी अर गढ़वाली मा आपका मनोरंजन की कोशिस कल्लू।। आपकु अपणु शुब्बी ॥ उत्तराखण्डी गढ़वाली और हिंदी कहानियों ,कविताओं , शायरी को पढ़ने के लिये बाड़ूली ब्लॉग में आपका अभिनंदन हैं।