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दिन का चैन रातों की नींद तुम चुरा लो।।कुछ यूं निग़ाहें तुम हम से मिला लो ।।ये बेगाना भी अपना हो जाये तुम्हाराकुछ यूँ मेरे हाथों को अपने हाथों में थाम लो।।

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दिन का चैन रातों की नींद तुम चुरा लो।। कुछ यूं निग़ाहें तुम हम से मिला लो ।। ये बेगाना भी अपना हो जाये तुम्हारा कुछ यूँ मेरे हाथों को अपने हाथों में थाम लो।। #Shubbi